एक बुद्धिमान व्यक्ती को चाहिये कि वह अपने धन के नष्ट होने को,मानसिक दुःख को,घर के दोषो को,किसी व्यक्ती द्वारा ठगे जाने और अपना अपमान होने कि बात किसी पर भी प्रकट न करे, किसी को भी न बतायें|
प्रत्येक व्यक्ती को कभी न कभी धन कि हानी उठानी पडती है, उसके मन मे किसी प्रकार का दुःख या संताप भी हो सकता है| प्रत्येक घर मे कोई न् कोई बुराई भी होती है| कई बार उसे धोका देकर ठगा जाता है और किसे के द्वारा उसे अपमानित भी होना पड सकता है, परन्तु समझदार व्यक्ति को चाहिये कि वह इन सब बातो को मन मे छिपाकर रखे, इन्हें किसी दुसरे व्यक्ती पर प्रकट न करे| जानकर लोग हसी हि उड़ाते है| ऐसी स्थिती मे वह स्वयं उनका मुकाबला करे और सही अवसर की तलाश करता रहे|